रसूलुल्लाह स0अ0व0 का दस्तरख़्वान और हमारा रमज़ानुल-मुबारक
रसूलुल्लाह स0अ0व0 का दस्तरख़्वान और हमारा रमज़ानुल-मुबारक दीगर इबादात की तरह रोज़े का अहम तरीन मक़सद भी तक़वा, यानी परहेज़गारी का हुसूल है। गोया रोज़े का मक़सद सिर्फ़ खुद को खाने-पीने से रोकना ही नहीं, बल्कि सब्र व शुक्र और क़नाअत है, यानी रोज़े का हक़ीक़ी मक़सद बहुत अरफ़ा व आला है। रोज़ा वह इबादत […]
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